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नेपाल राष्ट्र बैंकले बैंकलाई संघीय र प्रादेशिक तहमा वर्गीकरण गरि संचालन गर्न निर्देशन जारी गरेको छ। जारी निर्देशन अनुसार अब बैंकहरु बाणिज्य, राष्ट्रियस्तर र प्रादेशिक गरि ३ किसिमका रहनेछन। साविकको ३ र १० जिल्ले बैंकहरु अन्य बैंकसँग गाभिएर राष्ट्रियस्तरको विकास बैंकको लागि तोकिएको पूँजी पुर्याएर स्तरवृद्धि हुन् सक्छन। यति गर्न नसके १ अर्ब २० करोड पूँजी पुर्याएर प्रादेशिकस्तरको बैंक बन्न सक्छन। प्रादेशिकस्तरको बैंक ‘ख’ वर्गको हैसियत हुनेछ।
हाल ३ र १० जिल्ले गरि २२ वटा बैंक रहेका छन। जस मध्ये शाइन मात्र १० जिल्ला कार्यक्षेत्र भएको बैंक हो र बाँकी सबै ३ जिल्ला पछि ५ जिल्ला कार्यक्षेत्र भएका हुन। कर्पोरेट र नारायणी समस्याग्रस्त अवस्थामा रहेका छन। सहारा, हाम्रो र वेस्टर्न विलय हुने क्रममा रहेका छन।
२०७२ सालको मौद्रिक नीतिले ३ जिल्ले विकास बैंकलाई ५० करोड र १० जिल्ले विकास बैंकलाई १ अर्व २० करोड पूँजी तोकेपछि कतिपय बैंक गाभिए भने कतिपय तोकिएको पूँजी पुर्याएर तततत स्थानमा रहेका छन। तालिका १ मा बैंकको अवस्थिति देखाइएको छ।
तालिका नम्बर १: कुन प्रदेशका कुन जिल्लामा कति बैंक ?
प्रदेश |
क्र.सं. |
बैंक |
जिल्ला |
कैफियत |
१ |
१ |
एक्सेल |
झापा |
|
२ |
कन्काई |
झापा |
|
|
३ |
सप्तकोशी |
मोरंग |
|
|
४ |
मितेरी |
सुनसरी |
|
|
५ |
काबेली |
धनकुटा |
|
|
६ |
साल्पा |
खोटाङ |
असुचिकृत |
|
२ |
१ |
सहयोगी |
धनुषा |
|
२ |
सहारा |
सर्लाही |
देव विकास बैंकमा विलय
हुने क्रममा |
|
३ |
कर्पोरेट |
पर्सा |
समस्याग्रस्त |
|
३ |
१ |
सिन्धु |
सिन्धुपाल्चोक |
|
२ |
हाम्रो |
नुवाकोट |
ज्योति विकास बैंकमा
विलय हुने क्रममा |
|
३ |
नारायणी |
चितवन |
समस्याग्रस्त |
|
४ |
१ |
ग्रीन |
कास्की |
|
५ |
१ |
पूर्णिमा |
रुपन्देही |
|
२ |
मिसन |
रुपन्देही |
|
|
३ |
तिनाउ |
रुपन्देही |
|
|
४ |
नेपाल कम्युनिटी |
रुपन्देही |
|
|
५ |
शाइन |
रुपन्देही |
|
|
६ |
वेस्टर्न |
दांग |
देव विकास बैंकमा विलय
हुने क्रममा |
|
७ |
भार्गव |
बाँके |
|
|
८ |
कर्णाली |
बाँके |
|
|
७ |
१ |
कंचन |
कंचनपुर |
|
बैंक |
चुक्ता पूँजी |
निक्षेप |
लगानी |
एक्सेल |
६७.२६ |
५०० |
४७५ |
कन्काई |
५० |
१८१ |
१७५ |
मितेरी |
५० |
३७० |
३२८ |
सप्तकोशी |
५० |
१५० |
१४० |
काबेली |
२१ |
८८ |
७५ |
साल्पा |
२.८ |
अप्राप्य |
तथ्यांक आश्विन मसान्तमा आधारित
२ न. प्रदेशमा ३ वटा बैंक रहेका छन् | यी मध्ये सहारा विलयको क्रममा रहेको छ भने कर्पोरेट समस्याग्रस्त अवस्थामा रहेको छ |
तालिका : ३ प्रदेश नं. २ मा रहेका बैंकका पूँजी, निक्षेप र लगानी (करोडमा)
बैंक |
चुक्ता पूँजी |
निक्षेप |
लगानी |
सहयोगी |
५० |
४३० |
३३४ |
सहारा |
७.२९ |
६३ |
४२ |
कर्पोरेट |
३६ |
८ |
१५ |
तथ्यांक आश्विन
मसान्तमा आधारित
३ न. प्रदेशमा ३ वटा
बैंक रहेका छन् | यी मध्ये हाम्रो विलयको क्रममा रहेको छ भने नारायणी समस्याग्रस्त अवस्थामा
रहेको छ |
तालिका : ४ प्रदेश नं. मा रहेका बैंकका पूँजी, निक्षेप र लगानी (करोडमा)
बैंक |
चुक्ता पूँजी |
निक्षेप |
लगानी |
सिन्धु |
५० |
१९३ |
१४८ |
हाम्रो |
४९.२२ |
१७२ |
१७६ |
नारायणी |
५.५६ |
अप्राप्य |
प्रदेश नं. ४ मा एउटा मात्र बैंक रहेको छ |
तालिका : ५ प्रदेश नं. मा रहेका बैंकका पूँजी, निक्षेप र लगानी (करोडमा)
बैंक |
चुक्ता पूँजी |
निक्षेप |
लगानी |
ग्रीन |
५० |
५८ |
६२ |
तथ्यांक आश्विन मसान्तमा आधारित
सबैभन्दा धेरै बैंक प्रदेश
नं. ४ मा रहेको छ | यहाँ एउटा १० जिल्ले र ७ वटा ३ जिल्ले विकास बैंक रहेका छन् | रुपन्देहीमा सबैभन्दा धेरै र दांगमा थोरै बैंक रहको छ | दांगमा रहेको
वेस्टर्न बैंक पनि विलयको क्रममा रहेको छ |
तालिका : ६ प्रदेश नं. ५ मा रहेका बैंकका पूँजी, निक्षेप र लगानी (करोडमा)
बैंक |
चुक्ता पूँजी |
निक्षेप |
लगानी |
पूर्णिमा |
५२.५ |
३२९ |
२८२ |
मिसन |
५१.९२ |
४३० |
३८६ |
तिनाउ |
५० |
५०० |
४१७ |
नेपाल कम्युनिटी |
५२.६३ |
२७८ |
२६४ |
शाइन |
१३७ |
१४५३ |
१२३८ |
वेस्टर्न |
५० |
३२० |
२६८ |
भार्गव |
५० |
२९१ |
२६५ |
कर्णाली |
५० |
२६० |
१५० |
तथ्यांक आश्विन मसान्तमा आधारित
प्रदेश नं. ६ मा एउटा पनि बैंक रहेका छैनन् | ७ मा एउटा मात्र बैंक
रहेको छ |
तालिका : ७ प्रदेश नं. ५ मा रहेका बैंकका पूँजी, निक्षेप र लगानी (करोडमा)
बैंक |
चुक्ता पूँजी |
निक्षेप |
लगानी |
कंचन |
५० |
४३० |
३७९ |
तथ्यांक आश्विन मसान्तमा आधारित